Monday, 29 May 2017

एक तेरी खातिर  ... 

मैं दिल की बात 
कहता हु  ...
समझौता नहीं करता 
एक तेरी खातिर  ... 
इंसान तो छोड़ो 
खुदा से भी नहीं डरता  ...
बंदिशों में वो रहे 
जिनमे कैद है  ...
राज बड़े गहरे 
मैं तो पागल हु 
दीवाना हु तेरा  ...
सच से कभी 
पर्दा नहीं करता 
और सच ये है की 
मैं तुम्हे बेइंतेहा 
मोहोब्बत करता हु      

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !