Monday 8 May 2017

तुम्हारी हर उदासी









मैं चाहता हु 
इस विशाल आकाश 
में कुछ रंग बिरंगे 
फूल रोप दू उन रंगो के
जो तुम्हे पसंद हो जिससे 
तुम्हारी हर उदासी के ऊपर 
उन फूलों की खुशबू और रंग
गिरेंगे उस खुशबू और रंग से 
तुम खुश तो हो जाओगी न.... 
बोलो मैंने हमेशा सोचा है 
तुम्हारी ख़ुशी के लिए 
जबकि तुमने अब तक 
मेरी खुसियो को कैद कर 
रखा है अपनी मज़बूरियो में 

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !