Thursday 18 May 2017

एक नया इतिहास









मेरा मन अब
शून्य हो गया है 
निराकार सा जंहा
बजती है घंटिया 
रह-रह कर किसी 
प्रसिद्द मंदिर की 
घंटियों की तरह
उस वक़्त ब्रह्माण्ड
रचने लगता है 
एक नया संसार 
एक नवजात "प्रखर"
लेता है जन्म
किलकारियां लेता 
गर्भ के बाहर 
रचने इस प्रेम का 
एक नया इतिहास 

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !