Friday, 19 May 2017

प्रेम में प्रतीक्षा की सीमा








मैं तुम्हे सदैव 
पुकारना चाहता हु 
संसार की समस्त 
बोलियों और भाषाओँ में
मैं दुनिया की हर एक 
भाषा में तुम्हारे नाम 
का अनुवाद करना चाहता हु 
और साथ ही उन तमाम 
भाषाओँ में प्रेम और प्रतीक्षा 
के प्रयाय खोजकर 
उन सबका उच्चारण 
अपनी आवाज़ में 
करना चाहता हु
और देखना चाहता हु 
प्रेम में प्रतीक्षा की सीमा
कंही बताई गयी है या 
सभी भाषाओँ और बोलियों
में भी प्रतीक्षा की कोई 
सीमा तय नहीं की गयी 

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !