मैं तुम्हे सदैव
पुकारना चाहता हु
संसार की समस्त
बोलियों और भाषाओँ में
मैं दुनिया की हर एक
भाषा में तुम्हारे नाम
का अनुवाद करना चाहता हु
और साथ ही उन तमाम
भाषाओँ में प्रेम और प्रतीक्षा
के प्रयाय खोजकर
उन सबका उच्चारण
अपनी आवाज़ में
करना चाहता हु
और देखना चाहता हु
प्रेम में प्रतीक्षा की सीमा
कंही बताई गयी है या
सभी भाषाओँ और बोलियों
में भी प्रतीक्षा की कोई
सीमा तय नहीं की गयी
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