माँ तुझे सलाम !
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माँ तू मिटटी है,
तुझ में मिलकर
तुझे सलाम किया है;
ख़ुशबू बन कर तेरे
ही दिल में सिमटकर,
तुझे सलाम किया है;
मैं बेटा हूँ तेरा मेरे,
रहते कोई कैसे तुझे,
यूँ रौंद कर जा सकता है;
सामने आने का हौंसला
नहीं जिनका, वो क्या तेरे
बेटा का सामना करेंगे;
माँ तेरी पलकों की
चिलमनों में सिमट
कर, तुझे सलाम किया है;
इंद्रधनुष के रंग मयस्सर
हुए है, मुझे तेरी गोद में
तभी तो इसमें सिमटकर
तुझे सलाम किया है;
जन्नत में मुझ को मेरा
मक़ाम देना माँ, तभी तो
तेरी ज़मीं में समां कर
तुझे सलाम किया है !
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