Friday, 22 February 2019

माँ तुझे सलाम !

माँ तुझे सलाम !
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माँ तू मिटटी है, 
तुझ में मिलकर 
तुझे सलाम किया है;  

ख़ुशबू बन कर तेरे 
ही दिल में सिमटकर, 
तुझे सलाम किया है;  

मैं बेटा हूँ तेरा मेरे,  
रहते कोई कैसे तुझे, 
यूँ रौंद कर जा सकता है;   

सामने आने का हौंसला 
नहीं जिनका, वो क्या तेरे 
बेटा का सामना करेंगे;

माँ तेरी पलकों की 
चिलमनों में सिमट 
कर, तुझे सलाम किया है;  

इंद्रधनुष के रंग मयस्सर 
हुए है, मुझे तेरी गोद में 
तभी तो इसमें सिमटकर 
तुझे सलाम किया है;  

जन्नत में मुझ को मेरा 
मक़ाम देना माँ, तभी तो 
तेरी ज़मीं में समां कर 
तुझे सलाम किया है !

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !