मिलन की रुत से
Wednesday 29 December 2021
मिलन की रुत !
Tuesday 28 December 2021
प्रेम के प्यासे !
सीढ़ियाँ आसमान की चढ़ के
Saturday 18 December 2021
एक रोज़
एक रोज़ जब
मैंने सज्दे से
सर उठाया
तो देखा वो
वहां था ही नहीं
जिसको मैं जाने
कब से पूज रही थी
फिर मैंने सोचा
इस से क्या फ़र्क़
पड़ता है कि वो
वहां है की नहीं
इस से मेरी इबादत'
थोड़ी न व्यर्थ जाएगी !©SRAMVERMA
Monday 15 November 2021
पूरी ज़िन्दगी !
पेट भर खाना
सोने को बिस्तर
थोड़ी सी मोहब्बत
ढाई गज चादर'
और एक चुटकी इज़्ज़त
के बदले लगभग इस
संसार की सभी औरतों
ने अधूरे पुरुषों को भी
अपनी पूरी ज़िन्दगी
बना ली है !
Monday 8 November 2021
ग़ज़ल
जिनको अपने दिल में जगह दो "राम",
वो अगर दिल दुखाते है तो दुखाने दो ;
एक दिन वो भी समझेंगे इस दर्द को ;
उनके दिल को भी तो कभी दुखने दो !
पहली मोहब्बत!
तेरी ओर
आने के लिए
मैंने जो पहला
कदम उठाया था
उस मेरे पहले
कदम के रखने
के बीच का जो
थोडा सा वक्त और
तुझ तक पहुंचने के
बीच की दुरी थी
वही कहीं मेरी
पहली मोहब्बत
ने जन्म लिया था !
Tuesday 30 March 2021
पुनरावृत्ति!
हम प्राय ही अपने
कृत्यों की पुनरावृत्ति
करते रहते हैं;
जैसे शब्दों की
भावनाओं की
अभिव्यक्तियों की
और इसी पुनरावृत्ति
में हम गढ़ते हैं;
कई नई कविताएँ
भरे पूरे उत्साह से
जो लिए होती है;
नए नए आकर्षण
नए नए रिश्ते
नए नए संसाधन
नए नए प्रयोजन;
ऐसा भी नहीं कि
पुनरावृत्ति नीरस
और उबाऊ नहीं होती
कई बार होती है परन्तु
तब तक नहीं नहीं लगती
जब तक उनमें से नवीनता
जन्मती रहती है !
प्रेम !!
ये सच है कि प्रेम पहले ह्रदय को छूता है मगर ये भी उतना ही सच है कि प्रगाढ़ वो देह को पाकर होता है !
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भाविउ मेटि सकहिं त्रिपुरारी ___________________ बदल सकता है,प्रेम का रंग ; बदल सकता है ,मन का स्वभाव ; बदल सकती है ,जीवन की दिशा ; ...
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मेरे अरमानों की भी तो जननी तुम हो ! _____________________________ आधी रात कौंधी उसकी चितवन और उसने दरवाज़ा अपने घर का खुला छ...
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तुम प्रेरणा हो मेरी, तुम धारणा हो मेरी अकेलेपन के जंगलों में अचानक से मिले इक कल्पतरु से छन कर आती हुयी छांव हो मेरी... गयी शाम...