कुछ रिश्ते
जो होते हैं
यूँ ही "बेमतलब "के
जब तोड़ते हैं वह दम
तो दिल उदास नहीं होता
बल्कि निकलती हैं दिल से
बस एक राहत की सांस
और दिल कह उठता है
न जाने किस उम्मीद पर
क्यों बरसों तक
एक पागल जिद में
हम खामोश रह कर
जैसे मुर्दा जिस्म को
ज़िंदा मानने का ढोंग
किये हुए थे
पर हिम्मत की जरुरत
तब भी होती है रिश्ते
को तोड़ने में
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