Monday 15 May 2017

एक तुम्हारे लिए















तेरा ख्याल
तेरा जिक्र
तेरा ख्वाब
तेरी छुअन,
अपने अंदर 
अपने बाहर
कहीं न कहीं
महसूस करता हूँ 
मैं अब भी ........
यह छुअन ,
यह अहसास
मुझे बता जाता है
के तुम अब भी 
मेरे अंतर्मन में
रहती हो
कहीं न कहीं ........
और मैं ,
एक बार फिर से
जी उठता हु 
एक तुम्हारे लिए 

No comments:

प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !