Thursday, 25 May 2017

तुम जब जाती हो दूर



आज अपने ही 
सब्दो को समेटते 
हुए पूछ रहा हु  ...
की ये तुझे सँभालते है 
या तुझे भी खुद में 
बिखेर लेते है  ...
गर मेरे साथ है 
मेरे सब्द तो किन्यु
कई मोड़ पर ये मुझे
तन्हा छोड़ देते है। ....
अब जब पूछा इनसे 
तो कोई जवाब नहीं दिया 
इन मेरे ही सब्दो ने मुझे  ...
या यु कंहू जो जवाब था
उसके लिए मेरे ही सब्दो 
के पास सब्द नहीं थे  ...
उन्होंने भी कहा वो 
निकलते है तुझसे और 
नाम मेरा कर जाते है  ...
तुम जब जाती हो दूर
मुझसे तो सब्द भी तुम्हारे
साथ ही चले जाते है  ....

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !