अकेलेपन की जंजीरों
में अक्सर जकड़ा
मेरा समूचा अस्तित्व
तुमसे बंधकर सबसे
मुक्त होने की आसा
पर जीता हर लम्हा
और हर घडी इंतज़ार
करता एक सिर्फ तेरा
तुम जो समझो मेरे
दिल को धड़कन को
अश्रु के ताप को और
मेरे कलेजे में रुकी उन
सिसकिंयों की घुटन को
मेरी नज़रो के सहमेपन को
और आपस में लड़ती मेरी
अँगुलियों के द्वंद को
गर वक़्त मिले तुम्हे कभी
तो इन सबका अर्थ समझना
समझ आ जायेगा तुम्हे
मेरा प्रेम
में अक्सर जकड़ा
मेरा समूचा अस्तित्व
तुमसे बंधकर सबसे
मुक्त होने की आसा
पर जीता हर लम्हा
और हर घडी इंतज़ार
करता एक सिर्फ तेरा
तुम जो समझो मेरे
दिल को धड़कन को
अश्रु के ताप को और
मेरे कलेजे में रुकी उन
सिसकिंयों की घुटन को
मेरी नज़रो के सहमेपन को
और आपस में लड़ती मेरी
अँगुलियों के द्वंद को
गर वक़्त मिले तुम्हे कभी
तो इन सबका अर्थ समझना
समझ आ जायेगा तुम्हे
मेरा प्रेम
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