Thursday, 15 June 2017

मुझे तेरी जरूरत है..

राह देख -देख  
कर थक जाती है 
तब आंखें बोलती है
अब हर वक़्त 
कि जीने के लिए
साँसों से ज्यादा .... 
मुझे तेरी जरूरत है..
तुम तो कहती हो ना 
मेरे आंशुओ के आगे
हार जाती हो 
अब क्या हुआ 
कैसे बैठी हो 
ज़िद्दी हो कर? 
मेरे आँशु तुझे 
नहीं हरा पाए ना  .....                        

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !