Saturday, 17 June 2017

सुंदरता की परिभाषा 

तुम्हें जब मैंने देखा
पहले पहल  
तभी मैंने सोचा था
सबसे पहले  
क्यों न तुम्हीं को देखा
अब तक
दृष्टि खोजती क्या थी
कौन रूप क्या रंग
देखने को उड़ती थी
ज्योति‍-पंख पर
अब तुम्ही बताओ
मेरी आँखों की 
सुंदरता की परिभाषा 
ही बदल कर रख दी 
तुमने 

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !