Friday, 2 June 2017

दिल का दर्द

अक्सर एक प्यार करने वाला
अपने प्यार से यही कहता है
कि तुम्हारे लबों पर हंसी
ही देखना चाहता हु मैं
और प्यार करने वाली के
लब तो मुस्कुराने लगते है
लेकिन वो अपने नयन को
कैसे समझाए जो उसके
दूर जाते ही छलक आते है
क्या प्यार करने वाले को
ये नहीं पता होता की कहना
तो दिमाग मानता है दिल नहीं
दिमाग से कह कर चला जाता है
और दिमाग का कहा मानकर
लब मुस्कुराने लगते है
पर दिल का दर्द आँखों से
अक्सर ही छलक आता है 

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !