पढ़ा था मैंने कंही
लिखा हुआ ,
ना जाने किसी के लिए
या खुद को समझाने के लिए ही
लिखा था उसने
पर वो लिखा पढ़ा था मैंने ,
लिखा था उसने
मुहब्बत कभी एक तरफा
नहीं होती
तो मैंने भी यही जाना
अब तक ..
मुहब्बत एक तरफा
तो नहीं होती कभी
लेकिन तुमने भी
ये महसूस किया क्या?
यह मुहब्बत तो दोनों
तरफ ही होती है
एक मन से पुकार लगाता है तो
दूजा बैचेन
किसलिए हो उठता है
तुमने भी
ये महसूस किया क्या?
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