Tuesday, 6 June 2017

मोहोब्बत पर गुमान है


उसे अपनी मोहोब्बत 
पर बहुत गुमान है 
कहती है अक्सर ही वो 
मुझसे दूर रह कर 
टूट टूट कर बिखर जाती है 
काश की कभी एक बार 
वो आकर देखती मुझे 
मैं उसके प्यार में ना 
टूट सका ना ही बिखर सका 
बस पठार बनकर उसे दूर 
जाते हुए देखता हु किन्यु की 
अक्सर कहती है वो उसे 
अपने घर वालो की बहुत 
फिक्र रहती है 

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !