वेश बदल कर
भी मिलोगे तो
भी आहटें पहचान
लुंगी ..
लब सिल कर रखोगे
लेकिन नज़रों
का बोलना ना
छुपा पाओगे ...
चलते -चलते राह
बदल दोगे पर
ये पगडंडियाँ ना
छोड़ पाओगे ...
मिलोगे भी नहीं
बात भी नहीं करोगे
पर मेरे सपनो में
आना कैसे
छोड़ पाओगे तुम ...
तुम से मैं हूँ
मुझ से तुम हो
हर बात मुझसे जुडी है
तुम मुझसे ना
छुपा पाओगे ...
No comments:
Post a Comment