पुरे विस्वास के साथ
जिद्द में हूँ की कैसे भी
खोयी हुई मुस्कराहट
वापस तुम्हारे होंठो
की अरगनी पर लेकर
फैला सकू एक बार फिर से
भ्रम में मत रहना की
ये कोई एहसान होगा मेरा
बल्कि मेरी खुसी को पाने का
इख्तियार किया हुआ
नवीन और स्पष्ट रास्ता है
किँयोकि झूठ नहीं था
कही गयी तमाम बातों में
झट से निकला मेरा एक सब्द भी
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