Friday, 30 June 2017

आज तुम नहीं साथ


ऐसा नहीं की 
आज तुम नहीं साथ तो 
सूरज नहीं निकला 
पर उसमे वो चमक ही कहाँ
ऐसा नहीं की 
आज तुम नहीं साथ तो 
फूल नहीं खिला 
पर उसमे वो महक ही कहाँ ........
जब तुम नहीं हो तो सब हो
कर भी कुछ नहीं होता
ना सूरज में चमक ना हवाओं
में महक और आज तुम नहीं
हो तो मेरी आँखों में भी वो
नूर कहाँ .................

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !