Tuesday, 20 June 2017

प्रेम में होकर

प्रेम करो
प्रेम पाओ
प्रेम में होकर ही तो
पता चलता है
कि प्रेममयी मानव
इतना सब कुछ देख, 
जान और जी सकता है
जो कभी भी संभव 
न हो पाता
और जीवन कितने ही 
अनदेखे पहलुओं से
अनभिज्ञ ही रह जाता
अगर प्रेम उसके जीवन 
में न आया होता।
सच कहा ना मैंने बोलो?

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !