नरम हृदय में
अनजाने में जो
घात लगने से घाव
हुए है उन्हें मैं अब
भरना चाहता हु
किसी भी मूल्य पर
लौटना चाहता हु
तुम्हे तुम्हारे सपने
जिनपर कभी प्राकृतिक
और अप्राकृतिक
हादसों का साया भी
ना पड़ सके अब
तुम्हारे इरादों को इतना
फौलादी कर देना चाहता हु
की वो इरादे चट्टानों
का भी सीना फाड़
बंद हुए सभी रस्ते
खोल सकने में सक्षम
हो सके
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