तेरी तलाश
कहाँ -कहाँ न की मैंने ,
मुझे बस,तू ही तू
आयी नज़र हर जगह …
हर जगह
नज़र आयी बस तू ही
फिर भी
ना जाने क्यूँ लगता है मुझे
बस तुझे ही देखूं
जहाँ तक नज़र जाए ….
दिल के
छोटे से कोने में
देखा जब झाँक कर
वहां भी नज़र तू ही आयी मुझे ….
इस जहां की
हर शह में
बस एक तू ही नज़र आयी मुझे ,
तू नहीं नज़र आयी
तो सिर्फ
मेरी हाथों की लकीरों ही में …।
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