मैंने सूना है ...
एक से नहीं रहते हालात
एक से नहीं रहते ताल्लुकात
एक से नहीं रहते सारे
सवालात और जवाबात
एक से नहीं रहते तजुर्बात
एक से नहीं रहते दिन-रात
एक से नहीं रहते ये कायनात
खुदा के सिवा एक सा कोई नहीं रहता
तो फिर ऐसा किन्यु है
की मैं आज भी वैसे ही प्यासा हु
जैसा उस दिन था जब देखा था
मैंने तुम्हे पहली बार
तो फिर ऐसा किन्यु है
आज भी दो घडी जो तुम
नहीं दिखती मुझे तो मन
मेरा बैचैन हो उठता है
तो फिर ऐसा किन्यु है
की आज भी एक दिन तुम
ना मिलो तो वो दिन जैसे
गुजरता ही नहीं
तुम ही बताओ किन्यु हु मैं
आज भी वैसा ही तुम्हारे लिए
जैसा मैं था उस दिन
जिस दिन मैं मिला था तुम्हे
पहली बार
No comments:
Post a Comment