Friday, 16 June 2017

प्रभु की प्रार्थना हो तुम


सुनो  ...
मुझे नहीं पता
मैं तुम्हारे लिए
क्या हु , कैसा हु 
पर इतना पता है 
मुझे मेरे लिये
तुम
खुशी में
गाया जाने वाला 
वो मधुर गीत हो  
और दर्द में
की जाने वाली
प्रभु की प्रार्थना
सी हो

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !