मैं और कुछ नहीं जानता
पर इतना जानता हूँ
कि वक्त जो भी करेगा
करने दो साथ हमारे पर
मैं जन्म भर साथ
चलूँगा तुम्हारे
यह जिस्म ख़त्म होता है
तो सब कुछ ख़त्म हो जाता है
सब जानते है ये सच
पर चेतना के धागे
कायनात के कण होते हैं
मैं उन कणों को फिर से चुनुंगा
मैं तुझे फिर मिलूंगा
और एक बार फिर तुम्हे पा जाऊंगा
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