Monday 3 July 2017

परिधि के भीतर


अभी यहाँ 
गहरी रात है,
और इसकी 
परिधि के भीतर
ठीक चाँद जितनी 
खाली जगह है,
और बाकी सभी जगह 
अमावस बिछी हुई है,
इस वक्त उस खाली 
जगह को महसूसना हीं
मेरी भावनाओं की 
अभिव्यक्ति है,
और उसे लिख देना
तुम्हे पास बुलाने 
की मेरी इल्तिज़ा है 

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !