सुनो किसी दिन
रात में अचानक...
गहरी नींद से उठो तुम...
और याद आये तुम्हें मेरी....
हर तरफ़ मुझे ढूंढो तुम...
ना खुद का...ना वक्त का
होश हो तुम्हें...मैं तुम्हारा हु ..
ये भी भूल जाओ तुम...
बस मेरी ही मेरी तड़प...
बस मेरी ही मेरी याद...
और बेचैन रहो तुम....
तुम पुकारो मुझे..
और मेरी सदा ना मिले...
बेबसी में जलो तुम...
बहुत तड़पाया है...तुम्हारी याद ने
मुझे हर पल...बिन जान जीता हूं
हर पल.... मैं बिना दिल धड़कन चलती है.....
चाहता हूं बस एक बार.....
कुछ ऐसा ही.....महसूस करो तुम....
तब तुम्हे एहसास होगा
जीना कितना मुश्किल
उसके बिना जिसके लिए
जीना चाहते है हम
रात में अचानक...
गहरी नींद से उठो तुम...
और याद आये तुम्हें मेरी....
हर तरफ़ मुझे ढूंढो तुम...
ना खुद का...ना वक्त का
होश हो तुम्हें...मैं तुम्हारा हु ..
ये भी भूल जाओ तुम...
बस मेरी ही मेरी तड़प...
बस मेरी ही मेरी याद...
और बेचैन रहो तुम....
तुम पुकारो मुझे..
और मेरी सदा ना मिले...
बेबसी में जलो तुम...
बहुत तड़पाया है...तुम्हारी याद ने
मुझे हर पल...बिन जान जीता हूं
हर पल.... मैं बिना दिल धड़कन चलती है.....
चाहता हूं बस एक बार.....
कुछ ऐसा ही.....महसूस करो तुम....
तब तुम्हे एहसास होगा
जीना कितना मुश्किल
उसके बिना जिसके लिए
जीना चाहते है हम
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