तुम कितनी
खौफज़दा हो ,
कुछ लोगो से ,
अजनबी सी निगाह,
बिखरे से अंदाज़,
उखड़ी सी साँसें,
लय खो गयी हो जैसे,
मैं डरता हूँ
सिर्फ़ तुम से,
और कोई शख्स
तुम्हारे मुक़ाबिल नहीं,
सहमी सी धड़कन,
सिसकी सी सांस,
जिंदगी कितनी
खूबसूरत हो सकती है,
अब भी गर ड़र न हो…
तुम्हारे मन के अंदर
तो देख पाओगी तुम
ज़िन्दगी की सुंदरता
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