Wednesday, 12 July 2017

जिंदगी कितनी  खूबसूरत


तुम कितनी 
खौफज़दा  हो ,
कुछ लोगो से ,
अजनबी सी निगाह,
बिखरे से अंदाज़,
उखड़ी सी साँसें,
लय खो गयी हो जैसे,
मैं डरता हूँ 
सिर्फ़ तुम से,
और कोई शख्स 
तुम्हारे मुक़ाबिल नहीं,
सहमी सी धड़कन, 
सिसकी सी सांस,
जिंदगी कितनी 
खूबसूरत हो सकती है, 
अब भी गर ड़र न हो… 
तुम्हारे मन के अंदर
तो देख पाओगी तुम 
ज़िन्दगी की सुंदरता 

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !