मै अक्सर तेरे दरवाजे तक जाकर
लौट आता हु ,
अन्दर जाने को जी चाहता है
पर लौट आता हु ,,
मन ही मन तेरा दर खटखटाता हु
और लौट आता हु ,,
जैसे ही लगता है मुझे कि
तुम देख लोगी अब मुझे
ठीक उस वक़्त लौट आता हु ,
कुछ तो हर बार ही रह रह जाता
है मेरा वहां पर,
उसे वहीँ छोड़ कर
लौट आता हु ,
मै लौट आता हु
ये मेरी मजबूरी नहीं होती ,
तुझको मजबूर समझ
मै लौट आता हु ,...
लौट आता हु ,
अन्दर जाने को जी चाहता है
पर लौट आता हु ,,
मन ही मन तेरा दर खटखटाता हु
और लौट आता हु ,,
जैसे ही लगता है मुझे कि
तुम देख लोगी अब मुझे
ठीक उस वक़्त लौट आता हु ,
कुछ तो हर बार ही रह रह जाता
है मेरा वहां पर,
उसे वहीँ छोड़ कर
लौट आता हु ,
मै लौट आता हु
ये मेरी मजबूरी नहीं होती ,
तुझको मजबूर समझ
मै लौट आता हु ,...
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