आज बताता हु तुम्हे
जब मेरी रात को
मिलेगा तेरा साथ
तो सुबह कैसी होगी ...
उस सुबह जब तुम होगी
मेरे साथ और
ज्योत्सना जो करेगी
आंलिगन तेरा..
तो भोर की लाली भी
होगी गरमाई सी..
बावरी काली बदरिया
तुम पर झुक जाएँगी ..
मैं छेड़ता रहूँगा उन
घनघोर घटाओं को...
घटाएं जो छुपाना चाहेंगी
तुम्हारा बदन ...
और मैं बदलो की तरह
बरस पडूंगा तुम्हारे ऊपर
जब मेरी रात को
मिलेगा तेरा साथ
तो सुबह कैसी होगी ...
उस सुबह जब तुम होगी
मेरे साथ और
ज्योत्सना जो करेगी
आंलिगन तेरा..
तो भोर की लाली भी
होगी गरमाई सी..
बावरी काली बदरिया
तुम पर झुक जाएँगी ..
मैं छेड़ता रहूँगा उन
घनघोर घटाओं को...
घटाएं जो छुपाना चाहेंगी
तुम्हारा बदन ...
और मैं बदलो की तरह
बरस पडूंगा तुम्हारे ऊपर
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