Friday, 7 July 2017

एक दिन जीतूंगा मैं

तुम्हारी ज़िद्द है 
मुझे हराने की 
और मेरी ज़िद्द है 
तुम्हे पास ले आने की 
तुम लाख कोसिस कर लो 
मुझसे दूर रहने की 
लेकिन हार तय है तुम्हारी 
मेरे अस्तित्व को अब 
नकार नहीं सकती तुम 
यकीं है मुझे 
खुद पर इतना अब 
की एक दिन जीतूंगा मैं 
और हरोगी तुम 
तुम नहीं हरा सकती मुझे
तुम नहीं तोड़ सकती 
मेरी हिम्मत 
तुम नहीं दे सकती 
शिकस्त मुझे 
यु गलतियों को 
दोहरा दोहरा कर

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !