मैंने तो प्रेम किया
सिर्फ तुम्हारा साथ
पाने के लिए जो
तुम ना दे पायी मुझे
अब तक सिर्फ
और सिर्फ दुसरो की
फिक्र के कारन
क्या प्रेम में इंसान
दुसरो की फिक्र
इस कदर करता है की
उसका खुद का प्रेम ही
दोराहे पे खड़ा हो जाए
मैंने अब तक प्रेम
के बारे जितना कुछ
लिखा उसमें नहीं
है ऐसी कोई व्याख्या
इसलिए पूछता हु तुमसे
सिर्फ तुम्हारा साथ
पाने के लिए जो
तुम ना दे पायी मुझे
अब तक सिर्फ
और सिर्फ दुसरो की
फिक्र के कारन
क्या प्रेम में इंसान
दुसरो की फिक्र
इस कदर करता है की
उसका खुद का प्रेम ही
दोराहे पे खड़ा हो जाए
मैंने अब तक प्रेम
के बारे जितना कुछ
लिखा उसमें नहीं
है ऐसी कोई व्याख्या
इसलिए पूछता हु तुमसे
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