सुनो मेरा
ख्वाब सा झीना
आस का लिबास
जिसे मैंने कभी
ओढ़ लिया कभी
मैंने उसे बिछा लिया
धड़कनों में बसा
तेरे होने का एहसास
वो भी सिर्फ मेरी
होने का ख्याल
कभी ज़ाहिर किया
कभी दिल में ही
मैंने अपने छिपा लिया
गुज़र गए है
बहुत बरस बस इसी तरह...
अब और ऐसे
जिया नहीं जा रहा
आकर पास मेरे
तुम मेरे इन एहसासो को
सच कर दो अब
ख्वाब सा झीना
आस का लिबास
जिसे मैंने कभी
ओढ़ लिया कभी
मैंने उसे बिछा लिया
धड़कनों में बसा
तेरे होने का एहसास
वो भी सिर्फ मेरी
होने का ख्याल
कभी ज़ाहिर किया
कभी दिल में ही
मैंने अपने छिपा लिया
गुज़र गए है
बहुत बरस बस इसी तरह...
अब और ऐसे
जिया नहीं जा रहा
आकर पास मेरे
तुम मेरे इन एहसासो को
सच कर दो अब
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