Friday, 21 July 2017

नयी रेखा

हर नये दर्द के साथ 
बढ़ जाती है ,
नयी रेखा हाथ में
और लोग कहते हैं, 
हाथ की रेखाओं में 
भविष्य छिपा है,
आसमान में 
अटका तारों में 
भटका 
सूरज के आते ही 
खा गया 
झटका,
साँसों के साथ खींच कर 
दिल में रख लूँगा तुझे 
सुना है ,
खून के कतरे 
फेफड़ों से हो कर 
दिल में जाते हैं.

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !