सोने चांदी की
किरणों से ख्वाब बुने
चार साल और पांच महीने
चाँद घटने लगा है अब
थोड़ा कम पड रहा है
वो चांदी का तार
उजली उजली सी
तेज़ धुप में पीला पड़ ,
पिघल रहा है मेरा ख्वाब
सुनो वो जो टूटा तारा
तुम्हारी आलमीरा में
पड़ा है बेवजह
उधार दे दो
चार साल और पांच महीने
के लिए
मेरे ख्वाब में पैबंद लगाना है
चाँद फिर बढ़ने लगेगा...
बोलो दोगी ?
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