Thursday 20 July 2017

तेरा एहसास  

मैं अपनी 
हथेली पर  .... 
धूप की मखमली 
चादर लपेटे 
तेरे आने का 
इंतज़ार कर रहा हूँ 
नर्म ओस की बूंदों में 
अपना एहसास समेटे 
तू चुपके से 
मेरे पास 
चली आना 
अपनी साँसों में 
भर लूँगा 
धुंवा धुंवा होता 
तेरा एहसास         

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !