Wednesday, 5 July 2017

अपने नाम से प्यार

तुम्हें बहुत सारे 
प्यार के साथ
जब लिखता हूँ 
खत के अंत में 
अपना नाम "राम"
अपने इस दो 
अक्षर के नाम से
होने लगता है प्यार
जब सुनता हूँ फ़ोन पर
तुम्हारी डूबती आवाज़ में
पुकारा जाना इस नाम को
लगता है मुझे
कितना सुन्दर है यह नाम
इसे इसी तरह जुड़ा होना था
मेरे होने से,

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !