छिटक कर गिर गए
कुछ लम्हे ..लेकिन
बाकी है उनमे
अभी भी उनमे ...
सांस लेती चिंगारियां
बुदबुदाते अस्फुट शब्द ...
अटकती साँसें
महकता एहसास ........
पलकें झुकाए
पूजा की थाली लिए
मेरे घर की दहलीज़ पर
गुलाबी साड़ी में लिपटा
तेरा रूप...........
और भी बाकी है
बहुत कुछ
उन जागते लम्हों में ........
बस चुनना है तुम्हे
उन लम्हो को
इससे पहले की
साँस लेती चिंगारी
बुझ जाए उनमे
कुछ लम्हे ..लेकिन
बाकी है उनमे
अभी भी उनमे ...
सांस लेती चिंगारियां
बुदबुदाते अस्फुट शब्द ...
अटकती साँसें
महकता एहसास ........
पलकें झुकाए
पूजा की थाली लिए
मेरे घर की दहलीज़ पर
गुलाबी साड़ी में लिपटा
तेरा रूप...........
और भी बाकी है
बहुत कुछ
उन जागते लम्हों में ........
बस चुनना है तुम्हे
उन लम्हो को
इससे पहले की
साँस लेती चिंगारी
बुझ जाए उनमे
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