Friday, 28 July 2017

दिल से लिखना

जब कभी तुम 
चाहो दिल से लिखना 
मेरे प्रेम में तो
महाकाव्य लिखना
आसमानी भाव के
अंतहीन पन्नों पर...
जो केवल
शब्दों की शोभा
न बनकर
शंखनाद सा
बजता रहे
बारबार
प्राणों के तारों पर
शाश्वत ओंकार बनके .
लिख सको तो... 
मेरे प्रेम में तो
महाकाव्य लिखना       

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !