Wednesday 2 August 2017

मोहोब्बत की  कवितायेँ


जबसे देखा है 
मैंने तुम्हे  
अपनी सियाही से
बस लिखता आ रहा हु
तुम्हारी मोहोब्बत की 
कवितायेँ तबसे और
तब तक लिखता रहूँगा
जब एक दिन ये पूरी
धरती होगी उदास और
कम हो जायेंगे दुनिया में
संगीत के साधन बस 
इस लिखने को जारी 
रखने के लिए जरुरी है 
तुम्हे देखते रहने मेरा 

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !