कई वर्षो बाद
महसूस हुआ मुझे
की तुमने जो कुछ
भी अब तक मुझे दिया
वो सब मेरे लिए उपहार
ही तो है तुम्हारे प्रेम का
मेरे प्रेम के बदले
वो जो अकेलेपन से
भरा संदूक दिया तुमने
वो भी तो उनहार ही है
मेरे लिए और वो जो
दर्पण भीगा हुआ दिया है
उसमें सदैव मेरी आँखें
भरी हुई नज़र आती है
अनमोल है तुम्हारे दिए
उपहार मेरे लिए
महसूस हुआ मुझे
की तुमने जो कुछ
भी अब तक मुझे दिया
वो सब मेरे लिए उपहार
ही तो है तुम्हारे प्रेम का
मेरे प्रेम के बदले
वो जो अकेलेपन से
भरा संदूक दिया तुमने
वो भी तो उनहार ही है
मेरे लिए और वो जो
दर्पण भीगा हुआ दिया है
उसमें सदैव मेरी आँखें
भरी हुई नज़र आती है
अनमोल है तुम्हारे दिए
उपहार मेरे लिए
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