वो सिर्फ
तुम्हारी आँखें
ही थी जिसने भेद
दिया था मेरी आत्मा
पर लगे उस बड़े से
दरवाज़े को जिस पर
लिखा था अंदर आना
सख्त मना है और
जब भेद ही दिया था तो
ये तुम्हारी जिम्मेदारी
बनती थी की मैं फिर
ना रहु अकेला तुम्हारे
अंदर आने के बाद
पर ऐसा किन्यु किया
तुमने की दरवाज़ा
खोला भी और अंदर भी आयी
पर मेरा अकेलापन दूर
ना कर पायी तुम ?
तुम्हारी आँखें
ही थी जिसने भेद
दिया था मेरी आत्मा
पर लगे उस बड़े से
दरवाज़े को जिस पर
लिखा था अंदर आना
सख्त मना है और
जब भेद ही दिया था तो
ये तुम्हारी जिम्मेदारी
बनती थी की मैं फिर
ना रहु अकेला तुम्हारे
अंदर आने के बाद
पर ऐसा किन्यु किया
तुमने की दरवाज़ा
खोला भी और अंदर भी आयी
पर मेरा अकेलापन दूर
ना कर पायी तुम ?
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