अब जब तुम नहीं हो
साथ मेरे तो साँझ का
सुहानापन भी कंहा महसूस
कर पाता हु अब मैं वो तो
तुम्हारी तरह उड़ जाती है
फुर्र से आकाश के पार
फिर रह जाते है केवल बादल
वैसे पहले भी तुम
कंहा होती थी साथ मेरे
बस यु ही कुछ पलो के लिए
आती थी फुर्सत में
मिलने मुझसे
अब मैं और बादल
दोनों बतियाते है
अपने अपने प्रेम
के बारे
साथ मेरे तो साँझ का
सुहानापन भी कंहा महसूस
कर पाता हु अब मैं वो तो
तुम्हारी तरह उड़ जाती है
फुर्र से आकाश के पार
फिर रह जाते है केवल बादल
वैसे पहले भी तुम
कंहा होती थी साथ मेरे
बस यु ही कुछ पलो के लिए
आती थी फुर्सत में
मिलने मुझसे
अब मैं और बादल
दोनों बतियाते है
अपने अपने प्रेम
के बारे
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