Saturday, 29 April 2017

अनकहे खत




लिखना फिर
मिटाना फिर काट
के लिख जाना
अक्सर यह दिल कर
ही जाता है
लिखते हुए
ख़त उनको
और फिर
डर के सहम
जाता है कि
कहीं समझ के
उलझ न जाए
इन अनकहे खत
की बातो में !!


No comments:

प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !