Thursday 27 April 2017

अपने भावो की काली स्याही





मैंने लिखे अक्षर 
अपने भावो की
काली स्याही से
कागज़ पर
उतरे भाव मन के
जैसे सफेद फूल
जब मन पर
छा जाता है
अकेलापन
और साँसे हो मद्धम
तब कुछ लिख कर
अपने ही भावों से
कुछ साँसे उधार
ले लेता हूँ
जीने के लिए 

No comments:

प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !