Saturday 29 April 2017

बर्फ पर चलना







पिघलती बर्फ पर चलना
जितना मुश्किल है,
उससे अधिक मुश्किल है
तुम्हारी आँखों को पढ़ना
मेरे सारे शब्द
जंगल के वृक्षों पर
मृत सर्पों की
तरह लटके हैं
क्योंकि ये तुम 
तक किसी तरह
पहुँच नहीं सकते
और जो मुझ तक
पहुँचते हैं
वे सिर्फ दस्तक देते हैं
द्धार खोलने की
ताकत नहीं रखते
शायद

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !