Sunday, 1 December 2019

तेरा मेरा रिश्ता !


तेरा मेरा रिश्ता !

तेरा मेरा रिश्ता है 
परे झूठ की समस्त 
परिभाषाओं से ;
गुनगुनी धुप सा 
मदमस्त अलसाया सा 
नीले खुले अम्बर सा ;
उन्मुक्त विस्मृत 
धुला धुला सा 
बहती धारा सा ; 
निर्द्वंद निश्छल 
अद्वैत अल्हड़ सा
कौंधती बिजली सा ;
चपल चंचल रौशन 
बहती बयार सा 
शीतल सुगन्धित 
सदा दुलारता सा ;
तेरा मेरा रिश्ता है 
परे झूठ की समस्त 
परिभाषाओं से ! 

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !