तेरा मेरा रिश्ता !
तेरा मेरा रिश्ता है
परे झूठ की समस्त
परिभाषाओं से ;
गुनगुनी धुप सा
मदमस्त अलसाया सा
नीले खुले अम्बर सा ;
उन्मुक्त विस्मृत
धुला धुला सा
बहती धारा सा ;
निर्द्वंद निश्छल
अद्वैत अल्हड़ सा
कौंधती बिजली सा ;
चपल चंचल रौशन
बहती बयार सा
शीतल सुगन्धित
सदा दुलारता सा ;
तेरा मेरा रिश्ता है
परे झूठ की समस्त
परिभाषाओं से !
No comments:
Post a Comment