Monday, 23 December 2019

मेरी ज़िद्द !


मेरी ज़िद्द !

तुम्हारी ज़िद्द है 
मुझे हराने की  
और मेरी ज़िद्द है
तुम्हे अपने पास 
ले आने की ! 
तुम लाख कोशिश  
कर लो यूँ मुझसे 
दूर रहने की !
लेकिन याद रखना 
इस बार तुम्हारी 
हार तय है !  
मेरे अस्तित्व को 
अब और नहीं नकार 
सकती तुम !
यकीं है मुझे खुद 
पर इतना कि अब  
एक दिन जीतूंगा 
मैं और हरोगी तुम ! 
तुम अब नहीं हरा 
सकती मुझे और तुम 
नहीं तोड़ सकती अब  
मेरी हिम्मत ! 
तुम नहीं दे सकती 
शिकस्त अब मुझे 
यूँ बार बार अपनी  
गलतियों को दोहरा 
दोहरा कर के !

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !