एक देह है और एक रूह है ;
कोई तो बताओ इन दोनों में ,
कौन बड़ा है और कौन छोटा है !
एक देह है और एक रूह है ;
दोनों जब तक एक साथ है ,
तो पुरे है जुदा है तो अधुरे हैं !
एक देह है और एक रूह है ;
किसी के लिए रूह रूहानी है ,
किसी के लिए देह सुहानी है !
एक देह है और एक रूह है ;
देह अपना विस्तार चाहती है ,
रूह बस सिमटना चाहती है !
एक देह है और एक रूह है ;
एक के ना होने से दूजी लाश है ,
तो एक दर दर भटकती आत्मा है !
एक देह है और एक रूह है ;
एक विशुद्ध प्रेम की निशानी है ,
तो दूजी ईश के होने की गवाही है !
एक देह है और एक रूह है ;
दोनों एक दूजे के लिए बनी है ,
दोनों अद्वैत की परिभाषा है !
एक देह है और एक रूह है ;
दोनों मिलकर ईश की कृति है ,
दोनों बिछुड़ कर बिधाता की लेखनी है !
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