Wednesday, 25 December 2019

एक देह है एक रूह है !


एक देह है और एक रूह है ;
कोई तो बताओ इन दोनों में , 
कौन बड़ा है और कौन छोटा है !

एक देह है और एक रूह है ;
दोनों जब तक एक साथ है ,
तो पुरे है जुदा है तो अधुरे हैं !

एक देह है और एक रूह है ;
किसी के लिए रूह रूहानी है ,
किसी के लिए देह सुहानी है !

एक देह है और एक रूह है ;
देह अपना विस्तार चाहती है ,
रूह बस सिमटना चाहती है !

एक देह है और एक रूह है ;
एक के ना होने से दूजी लाश है , 
तो एक  दर दर भटकती आत्मा है ! 

एक देह है और एक रूह है ;
एक विशुद्ध प्रेम की निशानी है ,
तो दूजी ईश के होने की गवाही है !

एक देह है और एक रूह है ;
दोनों एक दूजे के लिए बनी है , 
दोनों अद्वैत की परिभाषा है !

एक देह है और एक रूह है ;
दोनों मिलकर ईश की कृति है , 
दोनों बिछुड़ कर बिधाता की लेखनी है !

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !