Friday, 20 December 2019

मैं एक सिर्फ मैं !


मैं एक सिर्फ मैं !

मैं....
जो कभी सिर्फ एक मैं नहीं रहा ; 
तुझे पाने की ज़िद में !
मैं.... 
जो कभी सिर्फ एक मैं नहीं रहा ; 
तुझे महज़ पास बुलाने की ज़िद में !
मैं.... 
जो कभी सिर्फ एक मैं नहीं रहा ;
एक सिर्फ तुझे चाहने की ज़िद में !
मैं.... 
जो कभी सिर्फ एक मैं नहीं रहा ;
एक सिर्फ तुझे गुनगुनाने की ज़िद में !
मैं.... 
जो कभी सिर्फ एक मैं ही था ; 
तुझसे दिल लगाने के पहले ! 
ओ "पगली" वो 
मैं.... 
अब एक सिर्फ मैं नहीं रहा ;
तुझसे मिलने के बाद !

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !