चले चलो !
तंहा मेरे कदम अब उठते नहीं ,
साथ तुम मेरे अब चले चलो ;
नींद भी मुझे अब आ रही है ,
ख़्वाब मेरे तुम अब पलो पलो ;
महबूबा मेरी बहुत हसीन है ,
चाँद तुम अब जलो जलो ;
हो वो अब मेरे इतने करीब ,
बर्फ तुम अब गलो गलो ;
देखता हूँ अब मैं एक तुम्हे ,
प्रीत तुम मेरी बढ़ी चलो ;
जुड़ा अब कभी ना होंगे हम ,
ए वक़्त तुम अब टलो टलो ;
दूरियां अब सिमटने वाली है ,
हसरतों तुम अब फूलो फलो ;
प्रेम दीप 'प्रखर' अब जला रहा ;
प्रीत 'रज्ज" मेरी अब मिलो मिलो !
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